रवींद्रनाथ टैगोर जयंती एक सांस्कृतिक उत्सव है
जिसे भारत और दुनिया भर में मनाया जाता है। रवींद्रनाथ टैगोर महान कवि, उपन्यासकार, दार्शनिक और चित्रकार हैं। बंगाली
कैलेंडर के अनुसार, रवींद्रनाथ
टैगोर जयंती 25 वें दिन बोईसाख को मनाई जाती है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह 7 मई 2022 को मनाई जा रही है। यह
रवींद्रनाथ टैगोर की 161 वीं जयंती है।
रवीन्द्रनाथ टैगोर मानवता को राष्ट्रवाद से
ऊंचे स्थान पर रखते थे। गुरुदेव ने कहा था, "जब तक मैं जिंदा हूं मानवता के ऊपर देशभक्ति की
जीत नहीं होने दूंगा।" ईश्वर और इंसान के बीच मौजूद आदि संबंध उनकी रचनाओं
में विभिन्न रूपों में उभर कर आता है।
साहित्य की शायद ही ऐसी कोई विधा है, जिनमें उनकी रचना न हो - गान, कविता, उपन्यास, कथा, नाटक, प्रबंध, शिल्पकला, सभी विधाओं में उनकी रचनाएं
विश्वविख्यात हैं। पेश हैं उनके कुछ विचार
(1) उपदेश देना सरल है, पर उपाय बताना कठिन।
(2) खुश रहना बहुत सरल है…लेकिन सरल होना बहुत मुश्किल है।
(3) यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद कर
दोगे तो सच अपने आप बाहर बंद हो जाएगा।
(4) दोस्ती की गहराई परिचित की लंबाई पर निर्भर
नहीं करती।
(5) संगीत दो आत्माओं के बीच अनंत भरता है।
(6) तथ्य कई हैं, लेकिन सच एक ही है।
(7) जो मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप में कह नहीं
सकता, उसी को क्रोध
अधिक आता है।
(8) जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़िया को आश्रय
देता है उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता है।
(9) विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारख़ाने हैं और अध्यापक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं।